कई दिनों तक खुदसे वादा करने और तोड़ने के बाद आज आखिरकार खुदको कुछ लाइने लिख़ने और फिर से एक वादा करने को तैयार कर ही लिया है... मोर्निंग पैजेस लिखने का वादा । हां ये कभी मोर्निंग पैजेस ओर कभी नाइट पैजेस होंगे इसकी इजाजत मैंने अपने अन्दर की 7 महीने के बच्चे की माँ को दे दी है जिसकी सुबह अक्सर दूध की गुहार , भरे हुए डाइपर यां ऐसी है किसी चीज़ से होती है। द ऑटिस्ट वे मैंने कई साल पहले पढ़ी थी जिसमें राइटर जूलिया केमरॉन हमसे वादा लेती है मॉर्निंग पैजेस लिखने का । सुबह उठ कर किया गया पहला काम और इससे धीरे धीरे आपके अंदर का ऑटिस्ट जाग जाएगा।
तो मैंने भी आज से खुदके अंदर के ऑटिस्ट को जगाने की कोशिश शुरू कर दी है।ये मोर्निंग पैजेस कब तक लिखे जाएंगे ये नही पता, बस फिलहाल कोशिश जारी रखनी है हासिल तो खुद ब खुद मिल ही जाएगा।