सूरज तो तपता रहेगा
उसकी तपन नहीं
इक रौशनी की किरण से
जगमगा देना तुम अपनी जिन्दगी को,
चाँद से तुम रौशनी की आस न करना
उसकी शीतलता से भर देना
तुम अपनी जिन्दगी को,
फूलो में तो कांटे भी होते है
पर निराश न होना,
उनकी खुशबु से भर देना
तुम अपनी जिन्दगी को
तारो से न मिलेगा तुम्हे कुछ भी
उनकी तरह मुस्कराहट से भर देना
तुम अपनी जिन्दगी को
इक ठूंठ भी बहुत कुछ सिखा देता है हमे
उसकी तरह होसले से भर देना
तुम अपनी जिन्दगी को,
रेगिस्तान को देखकर तो घबरा जाओ तुम
पर तब भी, पर तब भी
इक बूंद की आस से भर लेना
तुम अपनी जिन्दगी को,
हर शय में ख़ुशी छुपी होती है,
उसकी तपन नहीं
इक रौशनी की किरण से
जगमगा देना तुम अपनी जिन्दगी को,
चाँद से तुम रौशनी की आस न करना
उसकी शीतलता से भर देना
तुम अपनी जिन्दगी को,
फूलो में तो कांटे भी होते है
पर निराश न होना,
उनकी खुशबु से भर देना
तुम अपनी जिन्दगी को
तारो से न मिलेगा तुम्हे कुछ भी
उनकी तरह मुस्कराहट से भर देना
तुम अपनी जिन्दगी को
इक ठूंठ भी बहुत कुछ सिखा देता है हमे
उसकी तरह होसले से भर देना
तुम अपनी जिन्दगी को,
रेगिस्तान को देखकर तो घबरा जाओ तुम
पर तब भी, पर तब भी
इक बूंद की आस से भर लेना
तुम अपनी जिन्दगी को,
हर शय में ख़ुशी छुपी होती है,
इन खुशियों से भर देना तुम अपनी जिन्दगी को...
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